भारतीय संस्कृति में भाई दूज, जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं, भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व, भाई और बहन के रिश्ते को स्नेह और सुरक्षा का आशीर्वाद देने के लिए खास माना जाता है। भाईदूज 2024 के इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए विशेष पूजा-अर्चना करती हैं। इस साल यह पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसका शुभ मुहूर्त प्रातः 6:35 से 8:20 बजे तक है। इस दौरान बहनें अपने भाइयों का तिलक करके उनकी खुशहाली की कामना करेंगी।
भाईदूज का पौराणिक महत्व और कथाएं
भाईदूज 2024 का पर्व पौराणिक कथाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने आए थे। यमुनाजी ने उन्हें स्नेहपूर्वक भोजन कराया और उनकी लंबी उम्र की कामना की। यमराज इस आतिथ्य से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने वचन दिया कि जो बहन अपने भाई को इस दिन तिलक करेगी, उसके भाई की उम्र लंबी और जीवन सुखमय होगा। तभी से भाई दूज की यह परंपरा चली आ रही है, जिसमें भाई-बहन के रिश्ते में स्नेह और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा की कथा भी इस पर्व से जुड़ी है। कहते हैं, नरकासुर का वध करने के बाद जब श्रीकृष्ण अपनी बहन से मिलने गए, तो सुभद्रा ने उनका स्वागत करते हुए तिलक किया, माला पहनाई और मिठाई खिलाई। इस दिन श्रीकृष्ण को सुभद्रा से आशीर्वाद प्राप्त हुआ, जो भाई दूज के महत्व को और भी बढ़ाता है।